Aurangzeb Biography
(1658ई० - 1707ई०)
![]() |
Aurangzeb |
औरंगज़ेब का जन्म 24 अक्टूबर , 1618 ई० को दोहाद (गुजरात) नामक स्थान पर हुआ था। औरंगज़ेब सुन्नी धर्म को मानता था, तथा इसके व्यक्तिगत चारित्रिक विशेषता के कारण इसे जिन्दा पीर कहा जाता था। इसके गुरु मीर मुहम्मद हकीम थे। औरंगज़ेब के बचपन का अधिकांश समय नूरजहाँ के पास बीता। 18 मई ,1637 ई० को फारस के राजघराने की 'दिलरस बानो बेगम'(राबिया बीबी) के साथ औरंगज़ेब का निकाह हुआ। तथा औरंगज़ेब की एक बेटी महरुनिसा का भी इतिहास में ज़िक्र प्राप्त होता है।
उत्तराधिकारी का संघर्ष
उत्तराधिकारी का संघर्ष शाहजहाँ के पुत्रों के बीच हुआ था। इस संघर्ष में शाहजहाँ के चारों पुत्रों -
- दारासिको
- शाहशुजा
- औरंगज़ेब
- मुरादबक्च
के बीच मुख्य रूप से पाँच युद्ध हुए।
- बहादुरगढ़ का युद्ध
- धरमट का युद्ध
- सामूगढ़ का युद्ध
- खंजवा का युद्ध
- देवराई का युद्ध
इन पाँचो युद्ध मे से देवराई का युद्ध काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि इसी युद्ध मे औरंगज़ेब ने अपने भाई दारासिको को पराजित किया था। तथा 31 जुलाई, 1658 को "अबुल मुजफ्फर मुहउद्दीन मोहम्मद औरंगज़ेब बहादुर आलमगीर बादशाह गाजी" की उपाधि लेकर जल्दबाजी में औरंगज़ेब ने आगर में अपना राज्याभिषेक किया।
देवराई के युद्ध में सफल होने के बाद 15 मई, 1659 को औरंगज़ेब ने दिल्ली में प्रवेश किया और शाहजहाँ के शानदार महल में 5 जून, 1659 को दूसरी बार राज्याभिषेक करवाया।
औरंगज़ेब की महत्वपूर्ण विजय
- वीजापुर की विजय - 1686 ई० में।
- गोलकुण्डा की विजय - 1687 ई० में।
औरंगज़ेब की महत्वपूर्ण नीतियाँ
- सिक्को पर कलमा बन्द करबाया।
- झरोखा दर्शन की प्रथा की समाप्ति।
- 1661 में हिन्दू त्योहारों पर बैन लगाया।
- दरबार से संगीतकार एवं इतिहासकारो को हटाया गया ।
- 1679 में मंदिरों को तोड़ने के आदेश दिये।
औरंगज़ेब की मृत्यु
1681 में औरंगज़ेब दक्षिण भारत के अभियान पर गया। और फिर कभी भी दिल्ली वापस नहीं लौटा। तथा इसकी मृत्यु 20 फरवरी , 1707 ई० को ओरंगाबाद में हुई। इसे खुलदाबाद जो अब रोजा कहलाता हैं, में दफ़नाय गया।
Thanx for Share
ReplyDelete